ऊर्ध्व मुख का अर्थ
[ ooredhev mukh ]
ऊर्ध्व मुख उदाहरण वाक्य
परिभाषा
विशेषण- ऊपर की ओर मुँह किया हुआ:"वह उन्मुख पर्वत चोटियों को निहार रहा है"
पर्याय: उन्मुख, ऊर्ध्वमुख, ऊर्ध्वोन्मुख
उदाहरण वाक्य
- वैसे तो पूरा द्वैत योग या कुण्डलिनी जागरण ही इसके ऊर्ध्व मुख ( ऊपर मुँह ) होते ही शुरू हो जाता है ।
- उतरूँ तो मैं तल में डूबूँ ऊर्ध्व मुख हो शिखर चूम लूँ क्षण क्षण मैं न्योछावर होती पल पल अरि का तर्पण करती प्रतिक्षण रूप बदलती रहती बिना मंच के अभिनय करती नव नूतन नर्तन नित करती सूत्रधार तेरी गति भरती सागर की अनगिन लहरों में चरण चिह्न मैं ढूँढा करती किस से बढ़ कर परिचय करती ? किसका बढ़ कर स्वागत करती?
- तीनो उत्तरा पुष्य रोहिणी आर्द्रा श्रवण धनिष्ठा और शतभिषा यह नौ नक्षत्र ऊर्ध्व मुख है , इन नक्षत्रों में भवन की छत बनाना मंदिर का छत्र चढाना ध्वजा लगाना घर के या व्यवसाय के ऊपर प्रकाश लगाना रोशनी आने का कारण पैदा करना हवाई यात्रायें करना सैटेलाइट और इसी प्रकार के कार्य करना मोबाइल टाबर लगाना आदि फ़लदायी है इन नक्षत्रों में राज्याभिषेख उत्तम फ़लदायी होता है , चुनाव के लिये टिकट खरीदना शपथ लेना स्कूल की पढाई शुरु करना आदि कार्य भी उत्तरोत्तर वृद्धि देने वाले है।